ख़ुदा पर अगर कुछ भरोसा न होता |
सफ़ीना भंवर में उतारा न होता ||
अगर कुछ तुम्हारा इशारा न होता |
मिरा आशिक़ी का इरादा न होता ||
तिरी बेवफ़ाई से सीखा बहुत कुछ |
वगरना हमें ये तजरबा न होता ||
अगर हमसफ़र तुम होते न मेरे |
सफ़र ये कभी अपना पूरा न होता ||
नसीबों में अपने क्या आज़ादी होती |
शहीदों ने सर गर कटाया न होता ||
लबों ने तुम्हारे इसे दी रवानी |
यूं मशहूर मेरा तराना न होता ||
कोई बात ‘सैनी ’की भी मान लेते |
कभी आप लोगों में झगडा न होता ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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