देखिये वतन का आज हाल देखिये |
बंट रही है जूतियों में दाल देखिये ||
क़ीमतों का जिन्स की कमाल देखिये |
रात दिन उछाल ही उछाल देखिये ||
लीडरों के फ़न का अब कमाल देखिये |
बासी ये कढ़ी ले रही उबाल देखिये ||
हो गया ग़रीब और भी ग़रीब अब |
नेता हो रहे हैं माला माल देखिये ||
काट जिसकी है नहीं किसी के पास भी |
चार सू बुना हुआ ये जाल देखिये ||
कब तलक गरानी दूर होगी मुल्क की |
उठ रहे हैं रोज़ ही सवाल देखिये ||
हो रही हैं रोज़ ग़लतियाँ नयी - नयी |
नीचता की नित नयी मिसाल देखिये ||
हास्पिटलों में सड़ रहे मरीज़ अब |
मिहतरों से होती देखभाल देखिये ||
पार्टी ने दे दिया टिकट उसे भी अब |
हो गए ‘सैनी ’के गाल लाल देखिये ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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