बल खा कर इतरा कर चल |
थोड़ा सा शरमा कर चल ||
अपने मादक यौवन की |
ख़ुशबू को बिखरा कर चल ||
इन मतवारे नैनो से |
तू मदिरा छलका कर चल ||
सारे दरिया सूखे हैं |
ज़ुल्फ़ों को झटका कर चल ||
गुन्चा - गुन्चा खिल जाए |
हौले से मुस्का कर चल ||
तुझको हिम्मत रब देगा |
तू मत यूँ घबरा कर चल ||
जो बातें कडुवाहट दें |
उन सब को दफ़ना कर चल ||
मैं हूँ बेबस चलने से |
अब थोड़ा सुस्ता कर चल ||
मेरी उंगली में अपने |
पल्लू को उलझा कर चल ||
भोली भाली सूरत का |
भोलापन दिखला कर चल ||
बिजली गिरने वाली है |
आँचल को लहरा कर चल ||
रुखसारों की लाली से |
सूरज को झुलसा कर चल ||
‘सैनी ’ तेरा साथी है |
लोगों को बतला कर चल ||
डा० सुरेन्द्र सैनी
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